Saturday, June 6, 2009

ताऊ को चूना लगा गया फेरी वाला

बात थोड़ी पुरानी सै ! आपमें से कईयों को बचपन की याद होगी जब गाँव मेंफेरी वाले दूकानदार आया करते थे ! और गाँव वाले अपनी जरुरत का सामान सबइन्ही लोगो से खरीदा करते थे !ये लोग दैनिक उपयोग में आने वाला सामान जैसे चड्डी बनियान, ओरतो कीगोटा किनारी, काजल बिंदी आदि बेचने आया करते थे ! कुछ सर पर गठरी रख कर ,कुछ साईकिल और कुछ फेरीवाले अपने घोडो पर सामान बेचने आया करते थे !सब सामान अनाज के बदले खरीदा जाता था ! गाँवों में उस समय रुपये पैसे कुछनही होते थे ! सब्जी खरीदना हो, कपड़े लेना हो , कोई भी किराने का सामानलेना हो वह सब अनाज के बदले ही खरीदा जाता था !नगद रुपये की हालत यह थी की छपनिये के प्रसिद्द अकाल के समय लोग पेडो केछिलके उखाड़ कर खा गए थे ! लेकिन उस समय ज्वार एक रुपये की ५६ सेरथी ! यानी नकद मुद्रा का उन दिनों नितांत अभाव था ! ( यह अकाल संवत १९५६यानी आज से तकरीबन १०९ साल पहले मारवाड़ और आस पास के इलाको में बहुतभीषण रूप में पडा था जिसे पुराने लोग आज भी किस्से कहानियों में याद कियाकरते हैं !)ताऊ की एक खासियत होती है की अगर किसी को गलती या बदमाशी करते देख लियातो उसको ५/७ लट्ठ जरुर मारेगा और कान के नीचे भी ३/४ जरूर बजायेगा ! ख़ुदका चाहे कितणा भी नुक्सान क्यूँ ना हो जाए !इस घटना से आप समझ पायेंगे की ताऊ वाकई भोले भाले इंसान होते हैं ! अपनीअक्ल साबित करने के लिए ख़ुद का नुक्सान भी हो जाए तो परवाह नही पालते !वर्षा कभी भी हो सकती थी सो ताऊ खेतों को तैयार करने में व्यस्त रहताथा ! घर गृहस्थी का सामान ताई ही ले लिया करती थी उन फेरी वालो से ! ताऊने देखा की एक बोरी अनाज की जो अभी ५ दिन पहले ही भरी हुई थी आज अचानकखाली खाली सी दिखने लग गई !उसने ताई से पूछा की इसका अनाज कहाँ गया ? और आजकल तो चम्पाकली भी चाँदपर गई हुई है ! फ़िर इतनी जल्दी ये खाली कैसे हो गई ? ताई ने बताया कीबिसायती ( फेरी वाला ) आया था उससे कुछ कपडे लत्ते और बच्चो की चड्डीबनियान ली थी ! तुम्हारी बनियान वो कल ले के आयेगा !ताऊ समझ गया माजरा क्या है ? अगले दिन ताऊ खेत में बुवाई करने निकल गयाहल लेकर ! उधर साईकिल पर फेरी वाला आगया !फेरी वाला - ताई ले ये पकड़ ताऊ की बनियान ! बड़ी मुश्किल तैं ढुन्ढ कैल्याया सूं ! इत्ती बड़ी बनियान ही फेक्ट्री आले ना बनाते आजकल !ताई तो बनियान देख कै खुश हो गई ! 0ताई बोली - रे बिसायती के ! बता कितणा नाज (अनाज) घालणा सै ?ये फेरी वाले बड़े तेज होते हैं ! वो बोला - ताई डाल दे जितना डालना हो !ताई ५/६ कचोलै ( बड़ा कटोरा टाईप ) अनाज के डाल कै बोली - बस हो गया के ?अब वो बिसायती किम्मै बोल्या कोनी ! ताई समझी कुछ कम रह गया ! सो ताई नैउठा कै दो कचोलै नाज के और डाल दिए !उधर ताऊ ने इसको आते देख लिया था ! सो उधर खेत से इसके ऊपर ही नजर लगा कैदेख रहा था ! जब उसने देखा की इसने तो आज ताई को फ़िर लूट लिया है ! तोखेत से जल्दी जल्दी घर की तरफ़ आने लगा !और इधर फेरी वाले ने देखा की ताऊ घर की तरफ़ ही आ रहा है तो वो फट सेअपनी अनाज और सामान की पोटली साईकिल पर रखण लाग गया !अब ताऊ नै देखी की ये तो सामान उठाके भागने की फिराक में है तो ताऊ नेलंबे लंबे पाँव उठाये और घर की तरफ़ अपना लट्ठ उठाये दौड़ता सा आने लगा !फेरी वाले ने समझ लिया की ताऊ आज मारे बिना नही छोडेगा ! सो वो भी साईकिलउठाके भाग लिया ! अब आगे आगे साईकिल पै गठरी लादे लादे फेरी आला भाग रहाथा और पीछे पीछे लट्ठ लेके ताऊ भागा जावे था !गठरी लादे लादे फेरी वाला भाग नही पा रहा था ! और ताऊ बहुत तेजी से पासआता जा रहा था ! फेरी वाले ने सोची की आज तो ग़लत जगह फंस लिए ! बहुतमुश्किल है बचना !सो उसने सोचा की ये अनाज की गठरी यहीं पटक कर भागता हूँ जिससे इस ताऊ कोइसका अनाज वापस मिल जायेगा तो ये अपना पीछा छोड़ देगा ! और उसने अनाज कीगठरी वहीं पटक दी और भाग लिया !थोड़ी देर में उसने पलट कर देखा ! ताऊ तो अब भी लट्ठ उठाये उसकी तरफ़दौडा आ रहा था ! उसने सोचा - ये अच्छे मुर्ख ताऊ से पाला पडा ! ये बिनापीटे नही छोडेगा ! अब क्या करू ? और ताऊ का लट्ठ देख कै डर गया !फ़िर उसने अक्ल लगाई और अपनी कपडे की गठरी वहीं पटक दी और अब साईकिल कोलेके भागने लगा !थोड़ी देर बाद फ़िर पलट के देखा तो ताऊ फ़िर उसे पीछे पीछे आता दिखा !उसको अब लग गया की इस मुर्ख ताऊ से बच पाना मुश्किल काम है ! आज ये लट्ठसे मारेगा जरुर ! ताऊ लगातार उसके पीछे लगा हुआ था !अब फेरी वाले ने अपनी साईकिल भी पटक दी और पुरी ताकत से दौड़ लगा दी ! परकच्चे गाँव के रास्तो में वो क्या ताऊ से बच सकता था ?थोड़ी दूर जाकै ताऊ नै उसको पकड़ लिया ! और ५/७ तो मारे लट्ठ , और उसके३/४ कान के नीचे बजा कर बोला - तेरे को बीरबानिया ( ओरतों ) नै लूटतेशर्म कोनी आवै ? बावली बूच कहीं का !चल आज तो तेरा सामान उठा लेजा और आईंदा कभी मत लूटिये गाम आलीबीरबानियाँ नै ! और वो फेरीवाला अपनी गठरी , अनाज की पोटली और साईकिल लेके भाज लिया !इब खूंटे पै पढो :-ताऊ ने अपनी शादी का विज्ञापन इस तरह दिया था :-"पच्चीस वर्षीय युवक के लिए एक ऐसी वधू चाहिए, जो विवाह के बाद भीसुसंस्कृत, सुशील, मिलनसार और मृदुभाषी बनी रहे।"जवाब में ताऊ के ससुर साहब ने आवेदन किया :- मैं सिर्फ़ ६ महीने कीवारंटी दे सकता हूँ ! गरीब आदमी हूँ इससे ज्यादा की मेरी हैसियत नही है !और शादी के ठीक ६ महीने बाद उन्होंने "मेड इन जर्मन" लट्ठ अपनी बेटी कोगौने में दे कर विदा कर दिया !

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